5 Simple Techniques For bhoot ki kahani
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कहानी से शिक्षा :- हमें कभी अंधविश्वास पर भरोसा नहीं करना चाहिए.. और हर समस्या का समाधान अपनी बुद्धि से करनी चाहिए..
मोहनलाल पहलवान उसकी बदतमीजी बर्दाश्त नहीं कर पाया और लोहे का डंडा उठा उस व्यक्ति के सिर में मार दिया। डंडे की लगते ही वह आदमी मर गया। अब उसकी पत्नी जोर-जोर से रोने लगी।
मुंशी - तुम यहीं रुको! मैं राजा से बात करके आता हूं।
भूतों के गुरु जी ने सोचा कि पहलवान से चुप कर हमला किया जाए। इधर पहलवान पहले से ही दांव लगाए बैठा था कि कब बिल्ली घर में प्रवेश करें और उस पर हमला किया जाए। लेकिन बहुत देर से बिल्ली अंदर ही नहीं आ रही थी। बहुत समय हो गया तो पहलवान धीरे-धीरे पीछे हट गया और चूल्हे के पास जाकर छुप गया। बिल्ली अंदर आकर जैसे ही पहलवान पर हमला करने का प्रयास करती है। पहले से सतर्क पहलवान ने बिल्ली की कमर पर जोर से लोहे का डंडा मार दिया।
" बात उस वक़्त की है जब मैं टेलर हुवा करता था। मुम्बई के कार में हमारी घर थी ना !? उससे कुछ ही दूर एक बड़ा शोरूम्स था जहाँ में टेलर था। उस शोरूम में अमिताभ बच्चन, आमिर खान आदि बॉलीवुड के एक्टर्स कपड़े लेने और मूवीज़ के लिए कॉस्ट्यूम लेने आते थे। मैंने आमिर खान के लिए काफी जैकेट सिले थे। मेरे अन्य सहउद्योगियों ने अमिताभ बच्चन के कॉस्ट्यूम्स सिले थे।
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दूसरी घटना है जब में बेंगलूर के किसी दूसरे कमरे में रहता था तब की। उस बिल्डिंग में जाते रास्ते में एक ब्रिज था जहाँ कहा जाता था कि बहुत लोगों ने आत्महत्या कर ली थी और वहाँ आत्माओं का संचार था। मैं वहाँ से हमेशा चलते हुवे अपने बिल्डिंग में जाता था। भूत प्रेत भयानक अनुभव तो नहीं website होती थी लेकिन जब चिकन , मटन और मछली घर लाता तो वह अच्छी ही नहीं होती थी। खराब हो जाती थी। इसलिए मैंने उस मकान वालों से जाके झगड़ा किया था कि वे लोग मुझे खराब माँस मछली देते थे।लेकिन वहाँ के सारे कस्टमर्स बोलने लगे कि वहाँ अच्छी मांस मछली मिलती थी।
एक दिन, रात के समय जब सभी बच्चे खेल रहे थे, राजू ने सोचा कि उसे उस हवेली में ले जाना चाहिए जहाँ उसने वह बच्चा पहले बार देखा था। राजू ने अपने दोस्तों को साथ लेकर हवेली की ओर बढ़ते हुए कहा, “हमें देखना चाहिए कि कौन रो रहा है और क्यों?”
मुखिया : तो यह बात है अभी के अभी धनिया को पकड़ कर लेकर आओ.. और फिर कुछ ही देर मैं दो पहरेदार धनिया को लेकर आते हैं.
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ऐसी जगहों पर इन्हे महसूस किया जा सकता है। यह रूहें हमेशा अपने आप को आम दुनिया से अलग रखना चाहती है। जब हम कभी किसी ऐसी जगह पर एकांत में होते हैं तो इन रूहों का आभास हमें होता है। इनकी भी प्रकृति बिलकुल सांपों से मिलती जुलती है, जब इंसान के सामने कोई सांप अचानक आ जाता है तो वो इंसानों के पैरों के कदमों के आहट के अनुसार चल कर उस जगह से भागना चाहता है, लेकिन एक शब्द जिसे डर कहते हैं उसे इंसानी स्वाभाव नहीं छोड़ पाता है और उसके फलस्वरूप वो सांप को दुश्मन मान कर उन्हे छेड़ता है या मार देता है। असली भूत की कहानी।
भूत की कहानी डरावनी।
. बंटी के जाने से सबको हमारे बारे में पता लग जाएगा इसलिए हमने बंटी को कैद कर लिया..